मनुष्य के जीवन में चाहे आन्तरिक शत्रु जैसे काम, क्रोध, लोभ,मोह, अहंकार आदि हों या बाहर के शत्रु हों तो जीवन की गति थम सी जाती है “ॐ ह्रीं श्रीं गोम गोरक्ष, निरंजनात्मने हम फट स्वाहाः”: The ultimate part of the mantra contains the phrase “निरंजनात्मने” which signifies the ‘unblemished https://vashikaran26159.blogs-service.com/63141098/the-best-side-of-shabar-mantra